Udaipur – उदयपुर के कन्हैयालाल की हत्या आतंकी कार्रवाई है। जघन्य और बर्बर है। ऐसा करने वाले आस्था के नाम पर आहत की आड़ ले रहे हैं।
उन्हें ठीक से पता है कि इससे हिंसा भड़क सकती है। ऐसा कर वे समाज में सबके लिए घोर असुरक्षा पैदा कर रहे हैं।
आस्था के नाम पर आहत को फुटबॉल का खेल मत बनाइये कि एक किक उधर से लगेगी तो एक इधर से।
ऐसे लोग समाज को हैवानियत की आग में झोंकना चाहते हैं। इन्हें आस्था और मज़हब से कोई मतलब नहीं।
अच्छी तरह से पता होना चाहिए है कि ऐसे मुद्दों की एक सीमा होती है। बोलने लिखने के बाद इन्हें समाप्त मान लिया जाना चाहिए।
अगर कोई इसे जान से मारने के स्तर पर ले जाता है तो निःसंदेह उसकी मंशा आहत के नाम पर समाज में आतंक पैदा करने की है।
Udaipur – कन्हैया लाल के हत्यारे इस देश के विवेक और भाईचारे के हत्यारे हैं।
नूपुर शर्मा के बयान की निंदा हो चुकी है। सरकार ने निंदा की है और बीजेपी ने पद से हटा दिया है। ठीक है कि उनकी गिरफ़्तारी नहीं हुई,
दूसरों की हुई लेकिन इसे लेकर ईगो का सवाल नहीं बना सकते। इसे लेकर आपत्ति दर्ज की जा सकती है जो लोकतांत्रिक तरीक़े से कई स्तरों पर किया गया है।
इसका हिसाब हिंसा से नहीं ले सकते।
कट्टरवाद का जवाब कट्टरवाद नहीं हो सकता। इस्लाम के नाम पर कट्टरवाद फैलाने वाले भी उतने ही ख़तरनाक हैं।
अब इसके जवाब में कट्टरता फैलेगी। क्या कभी ख़्याल आता है कि यह सिलसिला कहाँ ख़त्म होगा? जिसने भी Udaipur – कन्हैयालाल की हत्या की है, उसने आतंक फैलाने का काम किया है।
उसके साथ खड़े होने वाले भी हत्या के साथ खड़े हैं। उनमें और आतंकी में कोई फ़र्क़ नहीं है।
बहुत सारे मुद्दे हैं जिन पर बात करने की ज़रूरत है लेकिन हर दूसरे दिन किसी न किसी छोर से धर्म का मुद्दा आ जाता है।
इस सनक पर क़ाबू पाइये। दंगाइयों का समाज मत बनाइये। जिस किसी की भावना ऐसी बातों से आहत होती है वह कड़ी धूप में श्रम करे।
आस्था का मतलब समझ आ जाएगा। पता चल जाएगा कि किसी भी आस्था को मानने वाले दो रुपया कम देंगे लेकिन एक पैसा ज़्यादा नहीं देंगे।
भीड़ में घुस जाने से सच्चाई नहीं बदलती। जोधपुर की हिंसा के बाद Udaipur – राजस्थान की सरकार को ऐसे मामलों में ज़्यादा सतर्क रहना चाहिए था।
पुलिस को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसे किसी भी मामले में धमकी देने वालों की पहचान होनी चाहिए और ऐक्शन होना चाहिए।
प्रशासन और सरकार ने आग्रह किया है कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इस घटना का वीडियो और डिटेल साझा करने से बचिए।
रवीश कुमार