प्रधानमंत्री आवास योजना एक केंद्र प्रायोजित योजना है और वर्ष 1995-96 से स्वतंत्र रूप से लागू की गई है।
योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बेघर/वंचित परिवारों को घर बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। लाभार्थियों का चयन ग्राम पंचायत के माध्यम से किया जाता है। ग्राम पंचायत द्वारा तैयार की गई स्थायी प्रतीक्षा सूची को ग्राम पंचायत के नोटिस बोर्ड पर प्रकाशित किया जाता है।
योजना का लाभ लेने के लिए सामान्य शर्तें यह हैं कि लाभार्थी गरीबी रेखा से नीचे होना चाहिए, उसका नाम स्थायी प्रतीक्षा सूची में होना चाहिए और उसके पास घर बनाने के लिए अपनी जमीन होनी चाहिए।
उपरोक्त शर्तों को पूरा करने वाले और स्थायी प्रतीक्षा सूची में शामिल नहीं होने वाले परिवारों को ग्राम पंचायत के ग्राम सेवक और पंचायत समिति के समूह विकास अधिकारी से संपर्क करना चाहिए।
वर्ष 2002 में किये गये गरीबी रेखा सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2007-08 से वर्ष 2014-15 तक लाभार्थियों का चयन किया गया है।
वर्ष 2011 के आर्थिक सामाजिक एवं जाति सर्वेक्षण की जानकारी के आधार पर वर्ष 2015-16 से अगले वर्षों के लिए लाभार्थियों का चयन किया जाएगा।
लाभार्थियों को रुपये दिए जाएंगे। 95,000/- की आर्थिक सहायता दी जाती है।
घरकुल सब्सिडी के अलावा, महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत 90/95 दिनों के अकुशल श्रम के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत घरकुल लाभार्थियों को शौचालय के लिए अलग से धनराशि उपलब्ध कराई जाती है।
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प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण वर्ष 2016-17 से लागू होने वाली एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
सामान्य क्षेत्र में घरकुल के निर्माण के लिए प्रति लाभार्थी 1.20 लाख रुपये और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए प्रति लाभार्थी 1.30 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण योजना की वित्तीय सहायता राज्य स्तरीय बैंक खाते से लाभार्थी के बैंक/डाक खाते में पीएफएमएस प्रणाली के माध्यम से जमा की जाएगी।
लाभार्थियों के चयन के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत सामाजिक, आर्थिक और जाति सर्वेक्षण, 2011 की जानकारी का उपयोग किया जाएगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए एक राष्ट्रीय तकनीकी सहायता संस्थान का गठन किया जाएगा।
घरकुल सब्सिडी के अलावा, महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत 90/95 दिनों के अकुशल श्रम के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत घरकुल लाभार्थियों को शौचालय के लिए अलग से धनराशि उपलब्ध कराई जाती है।
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण एवं अन्य ग्रामीण आवास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु राज्य प्रबंधन प्रकोष्ठ-ग्रामीण आवास का गठन किया गया है।
चैंबर कार्यालय सिडको बिल्डिंग, 5वीं मंजिल, सी.बी.डी. बेलापुर, नवी मुंबई में कार्यरत। श्री संतोष कवाडे, निदेशक
और श्रीमती मंजिरी टकले, उप निदेशक
इनके माध्यम से ग्रामीण आवास योजनाएं क्रियान्वित की जाती हैं।